top of page
Search

व्रज – अधिक श्रावण कृष्ण द्वितीया

व्रज – अधिक श्रावण कृष्ण द्वितीया

Thursday, 03 August 2023

आज के शृंगार

लाल रंग का किनारी के धोरा का पिछोड़ा एवं श्रीमस्तक पर मोरपंख के टिपारा का साज के श्रृंगार

अधिक मास के आज के मनोरथ-

राजभोग में चितराम का बंगला

शाम को केल का हिंडोलना

राजभोग दर्शन –

कीर्तन – (राग : मल्हार)

गोविंद लाडिलो लडबोरा l

अपने रंग फिरत गोकुलमें श्यामवरण जैसे भोंरा ll 1 ll

किंकणी कणित चारू चल कुंडल तन चंदन की खोरा l

नृत्यत गावत वसन फिरावत हाथ फूलन के झोरा ll 2 ll

माथे कनक वरण को टिपारो ओढ़े पिछोरा l

‘परमानंद’ दास को जीवन संग दिठो नागोरा ll 3 ll

साज – श्रीजी में आज लाल रंग की किनारी के धोरा की पिछवाई धरायी जाती है. गादी और तकिया के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है तथा स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी के ऊपर हरी मखमल मढ़ी हुई होती है.

वस्त्र – श्रीजी को आज लाल रंग का किनारी के धोरा का पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र फ़िरोज़ी रंग के होते हैं.

श्रृंगार – आज प्रभु को वनमाला का (चरणारविन्द तक) ऊष्णकालीन हल्का श्रृंगार धराया जाता है. फ़िरोज़ा के सर्व आभरण धराये जाते हैं.

श्रीमस्तक पर टिपारा का साज (जड़ाव की टिपारा की टोपी के ऊपर मध्य में मोरपंख तथा दोनों ओर मोरपंख के दोहरा कतरा) धराये जाते हैं. बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं.

बायीं ओर मीना की चोटीजी (शिखा) धरायी जाती है. श्रीकर्ण में फ़ीरोज़ा के मकराकृति कुंडल धराये जाते हैं.

कली, कस्तूरी, कमल एवं श्वेत एव पीलेपुष्पों की दो सुन्दर कलात्मक मालाजी धरायी जाती हैं. श्रीहस्त में कमलछड़ी, नवरत्न के वेणुजी एवं दो वेत्रजी धराये जाते हैं.

पट लाल एवं गोटी बाघ बकरी की आती है.

 
 
 

Commenti


© 2020 by Pushti Saaj Shringar.

bottom of page