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व्रज – भाद्रपद शुक्ल एकादशी(दशमी क्षय)

व्रज – भाद्रपद शुक्ल एकादशी(दशमी क्षय)

Tuesday, 06 September 2022

आज एकादशी तिथि है परंतु परिवर्तनी एकादशी (दान एकादशी) का व्रत कल भाद्रपद शुक्ल द्वादशी बुधवार, 07 सितम्बर 2022 को होगा.

आगम का श्रृंगार

इस वर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी के क्षय के कारण आज एकादशी तिथि है और अपने पांडित्य से दसों-दिशाओं में पुष्टिमार्ग की यश पताका फहराने वाले दश-दिंगत विजयी नित्यलीलास्थ श्री पुरुषोत्तमजी का उत्सव भी आज माना गया है.

कल द्वादशी के दिन दान-एकादशी व्रत है और साथ ही कल विष्णुशंखल योग के कारण वामन द्वादशी भी है अतः आज श्रीजी को उत्सव के एक दिन पूर्व धराया जाने वाला आगम का श्रृंगार धराया जाता है.

सामान्य तौर पर प्रत्येक बड़े उत्सव के एक दिन पूर्व लाल वस्त्र, पीले ठाड़े वस्त्र एवं पाग पर सादी चन्द्रिका का श्रृंगार धराया जाता है. यह श्रृंगार अनुराग के भाव से धराया जाता है.

श्री राधिकाजी एवं श्री ठाकुरजी के बाल-लीला के पद आज तक ही गाये जाते हैं. कल से श्रीजी में दानलीला के कीर्तन गाये जायेंगे.

राजभोग दर्शन –

कीर्तन – (राग : गौड़सारंग)

परम धन राधा नाम आधार l

जाहि पिया मुरली में टेरत सुमरत वारंवार ll 1 ll

वेद मंत्र अरु जंत्र तंत्रमें येही कियो निरधार l

श्रीशुक प्रगट कियो नहीं ताते जान सार को सार ll 2 ll

कोटिन रूप धरे नंदनंदन तोऊ ना पायो पार l

‘व्यासदास’ अब प्रगट बखानत डार भार में भार ll 3 ll

राजभोग दर्शन -

साज – आज श्रीजी में लाल रंग की मलमल पर रुपहली ज़री की तुईलैस के हांशिया (किनारी) वाली पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया और चरणचौकी के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है.

वस्त्र – श्रीजी को आज लाल रंग की मलमल पर सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र पीले रंग के होते हैं.

श्रृंगार – प्रभु को आज छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. पन्ना के सर्व आभरण धराये जाते हैं.

श्री मस्तक पर लाल रंग की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, मोरपंख की सादी चन्द्रिका तथा बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में चार कर्णफूल धराये जाते हैं.

श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.इसी प्रकार पिले पुष्पों की दो मालाजी हमेल की भांति भी धरायी जाती हैं.

श्रीहस्त में कमलछड़ी, हरे मीना के वेणुजी और एक वेत्रजी धराये जाते हैं.

पट लाल एवं गोटी सोना की छोटी आती हैं.आरसी शृंगार में स्वर्ण की दिखाई जाती हैं.

 
 
 

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