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व्रज – आश्विन अधिक शुक्ल पंचमी

व्रज – आश्विन अधिक शुक्ल पंचमी

Monday, 21 September 2020


आज के मनोरथ-


राजभोग में मेघश्याम घटा


शाम को मेघश्याम बंगला


अधिक मास में आज श्रीजी को मेघश्याम पिछोड़ा मेघश्याम घटा वत श्रृंगार धराया जायेगा.


साज – श्रीजी में आज मेघश्याम मलमल की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. खण्ड पाट गादी, तकिया एवं चरणचौकी के ऊपर मेघश्याम बिछावट की जाती है.


वस्त्र – श्रीजी को आज मेघश्याम मलमल का पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र मेघश्याम रंग के धराये जायेंगे.


श्रृंगार – श्रीजी को आज छोटा (कमर तक) का हल्का श्रृंगार धराया जाता है. नीलम के सर्वआभरण धराये जाते हैं.

श्रीमस्तक पर मेघश्याम गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, सुनहरी लूम तथा मेघश्याम दोहरा कतरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है. श्रीकर्ण में नीलम के कर्णफूल धराये जाते हैं.

सफेद एवं पीले पुष्पों की सुन्दर चार मालाजी धरायी जाती हैं.

श्रीहस्त में कमलछड़ी, स्याम मीना के वेणुजी एवं दो वैत्रजी धराये जाते हैं.

पट स्याम व गोटी चाँदी की आती है.


 
 
 

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