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व्रज – माघ कृष्ण एकादशी (दशमी क्षय)

व्रज – माघ कृष्ण एकादशी (दशमी क्षय) Sunday, 07 February 2021

आज एकादशी है किंतु षट्तिला एकादशी का व्रत वैष्णव मतानुसार कल है इसलिये श्रीजी में नियम से डोलोत्सव का प्रतिनिधि का श्रृंगार भी कल धराया जायेगा.

श्रीजी में आज का श्रृंगार ऐच्छिक है. ऐच्छिक श्रृंगार नियम के श्रृंगार के अलावा अन्य खाली दिनों में ऐच्छिक श्रृंगार धराया जाता है. ऐच्छिक श्रृंगार प्रभु श्री गोवर्धनधरण की इच्छा, ऋतु की अनुकूलता, ऐच्छिक श्रृंगारों की उपलब्धता, पूज्य श्री तिलकायत की आज्ञा एवं मुखिया जी के स्व-विवेक के आधार पर धराया जाता है.

मेरी जानकारी के अनुसार आज श्रीजी को मेघश्याम रंग के साटन पर सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित सूथन, चोली एवं चाकदार वागा का श्रृंगार एवं श्रीमस्तक पर फेटा का साज धराया जायेगा.

राजभोग दर्शन –

कीर्तन – (राग : आशावरी)

माई मेरो श्याम लग्यो संग डोले l जहीं जहीं जाऊं तहीं सुनी सजनी बिनाहि बुलाये बोले ll 1 ll कहा करो ये लोभी नैना बस कीने बिन मोले l ‘हित हरिवंश’ जानि हितकी गति हसि घुंघटपट खोले ll 2 ll

साज – आज श्रीजी में मेघश्याम रंग की शीतकाल की पिछवाई धरायी जाती है गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है एवं प्रभु के स्वरुप के सम्मुख लाल रंग की तेह बिछाई जाती है.

वस्त्र – श्रीजी को आज मेघश्याम साटन पर सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित सूथन, चोली एवं चाकदार वागा धराये जाते हैं. पटका मलमल का धराया जाता हैं.ठाड़े वस्त्र अमरसी रंग के धराये जाते हैं.

श्रृंगार – आज प्रभु को मध्य का (घुटने तक) हल्का श्रृंगार धराया है. गुलाबी मीना के सर्व आभरण धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर फेंटा का साज धराया जाता है. मेघश्याम रंग के फेंटा के ऊपर सिरपैंच, मेघस्याम रंग की रेशम की बीच की चंद्रिका, दोहरा कतरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में मोती की लोलकबंदी-लड़वाले कर्णफूल धराये जाते हैं. कमल माला धरावे. गुलाबी गुलाब के पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं. श्रीहस्त में पुष्पछड़ी, गुलाबी मीना के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं. पट मेघस्याम एवं गोटी चाँदी की बाघ बकरी की धरायी जाती हैं. #pushtisaajshringar


 
 
 

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