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ठाकुरजी की हवेली क्यो कहते हे

ठाकुरजी की हवेली क्यो कहते हे


श्रीनाथजी का निवास स्थान है। इसीलिए वे इसे मंदिर नहीं, अपितु ठाकुरजी की हवेली कहते हैं।


मंदिर के विभिन्न कक्ष जो इस प्रकार हैं:

• दूधघर – दूध संचय कक्ष

• पानघर – पान के पत्तों का संचय कक्ष

• मिश्रीघर – मिश्री का संचय कक्ष

• पेडाघर – पेडे का संचय कक्ष

• फूलघर – पुष्प संचय कक्ष

• रसोईघर – पाक कक्ष

• गहनाघर – गहनों का कक्ष

• अश्वशाला – घुड़साल

• बैठक – बैठने का कक्ष

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© 2020 by Pushti Saaj Shringar.

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