top of page

Search


व्रज – मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा
व्रज – मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा Friday, 21 November 2025 फ़िरोज़ी साटन के चाकदार वागा एवं श्रीमस्तक पर पचरंगी छज्जेदार पाग पर सीधी चंद्रिका के श्रृंगार राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : तोड़ी) अबही डार देरे ईडुरिया मेरी पचरंगी पाटकी । हाहाखात तेरे पैया परत हो इतनो लालच मोहि मथुरा नगरके हाटकी ।।१।। जो न पत्याऊ जाय किन देखो मनमोहन हैज़ु नाटकी । मदन मोहन पिय झगरो कौन वध्यो सो देखेंगी लुगाई वाटकी ।।२।। साज – श्रीजी में आज फ़िरोज़ी रंग की साटन (Satin) की रुपहली ज़री

Reshma Chinai
5 hours ago1 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या Thursday, 20 November 2025 अरि हों श्याम रंग रंगी । रिझवे काई रही सुरत पर सुरत मांझ पगी ।।१।। देख सखी अेक मेरे नयनमें बैठ रह्यो करी भौन । घेनु चरावन जात वृंदावन सौंधो कनैया कोन ।।२।। कौन सुने कासौ कहे सखी कौन करे बकवाद । तापे गदाधर कहा कही आवे गूंगो गुड़को स्वाद ।।३।। द्वितीय (स्याम) घटा विशेष – श्रीजी में शीतकाल में विविध रंगों की घटाओं के दर्शन होते हैं. घटा के दिन सर्व वस्त्र, साज आदि एक ही रंग के होते हैं. आकाश में वर्षाऋत

Reshma Chinai
1 day ago3 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी Wednesday, 19 November 2025 गुलाबी साटन के चाकदार वागा पर श्रीमस्तक पर पचरंगी पाग पर जमाव के क़तरा व तुर्री के शृंगार राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : तोड़ी) अबही डार देरे ईडुरिया मेरी पचरंगी पाटकी । हाहाखात तेरे पैया परत हो इतनो लालच मोहि मथुरा नगरके हाटकी ।।१।। जो न पत्याऊ जाय किन देखो मनमोहन हैज़ु नाटकी । मदन मोहन पिय झगरो कौन वध्यो सो देखेंगी लुगाई वाटकी ।।२।। साज – श्रीजी में आज गुलाबी रंग की सुरमा सितारा के कशीदे के ज़रदोज़

Reshma Chinai
2 days ago1 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी (द्वितीय)
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी (द्वितीय) Monday, 18 November 2025 मेघश्याम साटन के घेरदार वागा एवं श्रीमस्तक पर गोल पाग पर गोल चंद्रिका के श्रृंगार राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : टोडी) आये अलसाने लाल जोयें हम सरसाने अनत जगे हो भोर रंग राग के l रीझे काहू त्रियासो रीझको सवाद जान्यो रसके रखैया भवर काहू बाग़ के ll 1 ll तिहारो हु दोस नाहि दोष वा त्रिया को जाके रससो रस पागे जाग के l ‘तानसेन’ के प्रभु तुम बहु नायक आते जिन बनाय सांवरो पेच पाग के ll 2 ll साज – श्रीजी में आज पीले रंग

Reshma Chinai
3 days ago1 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी (प्रथम)
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी (प्रथम) Monday, 17 November 2025 श्री गुसांईजी के सप्तम लालजी श्री घनश्यामजी का प्राकट्योत्सव विशेष – आज श्री गुसांईजी के सप्तम लालजी श्री घनश्यामजी का प्राकट्योत्सव है. श्री गुसांईजी ने आपको श्री मदनमोहनजी का स्वरुप सेवा हेतु प्रदान किया था. आज श्री घनश्यामजी की ओर से श्रीजी को कुल्हे जोड़ का श्रृंगार धराया जाता है. श्री घनश्यामजी षडऐश्वर्य में वैराग्य के स्वरुप थे अतः प्रभु को मयूरपंख की जोड़, प्रभु में आपका अनुराग था अतः अनुराग के भाव के लाल

Reshma Chinai
4 days ago2 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण द्वादशी
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण द्वादशी Sunday, 16 November 2025 प्रथम द्वादशी (चोकी) के शृंगार आज प्रभु को बैंगनी घेरदार वस्त्र पर सुनहरी ज़री की फतवी (आधुनिक जैकेट जैसी पौशाक) धरायी जाती है. प्रभु की कटि (कमर) पर एक विशेष हीरे का चपड़ास (गुंडी-नाका) श्रीमस्तक पर सुनहरी चीरा (ज़री की पाग) के ऊपर लूम की सुनहरी किलंगी धरायी जाती है. राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : आशावरी) व्रज के खरिक वन आछे बड्डे बगर l नवतरुनि नवरुलित मंडित अगनित सुरभी हूँक डगर ll 1 ll जहा तहां दधिमंथन घरमके प्रमुदित माख

Reshma Chinai
5 days ago2 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्णा एकादशी
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्णा एकादशी Saturday, 15 November 2025 उत्पति एकादशी व्रत बात हिलगही कासों कहिये। सुनरी सखी बिवस्था या तनकी समझ समझ मन चुप करी रहिये ॥१॥ मरमी बिना मरम को जाने यह उपहास जग जग सहिये। चतुर्भुजप्रभु गिरिधरन मिले जबही, तबही सब सुख पहिये ॥२॥ आज का श्रृंगार ऐच्छिक है परन्तु किरीट, खोंप, सेहरा अथवा टिपारा धराया जाता है. रुमाल एवं गाती का पटका भी धराया जाता है. श्रृंगार जड़ाव का धराया जाता है. आज की सेवा श्री ललिता जी की सखी कुंजरी जी की ओर से होती है. आज श्रीजी को

Reshma Chinai
6 days ago2 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी Friday, 14 November 2025 प्रथम घटा (हरी) विशेष – श्रीजी में शीतकाल में विविध रंगों की घटाओं के दर्शन होते हैं. घटा के दिन सर्व वस्त्र, साज आदि एक ही रंग के होते हैं. आकाश में वर्षाऋतु में विविध रंगों के बादलों के गहराने से जिस प्रकार घटा बनती है उसी भाव से श्रीजी में मार्गशीर्ष व पौष मास में विविध रंगों की द्वादश घटाएँ द्वादश कुंज के भाव से होती हैं. कई वर्षों पहले चारों यूथाधिपतिओं के भाव से चार घटाएँ होती थी परन्तु गौस्वामी वंश परंपरा के सभी तिल

Reshma Chinai
Nov 142 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी Thursday, 13 November 2025 शीतकाल का प्रथम सखड़ी मंगलभोग आज की सेवा श्री कृष्णावतीजी की ओर से होती है. आज विशेष रूप से मोती के काम वाले वस्त्र, गोल-पाग एवं श्रृंगार आदि नित्यलीलास्थ गौस्वामी तिलकायत श्री दामोदरलालजी महाराजश्री की आज्ञा से धराये जाते हैं. कीर्तन भी मोती की भावना वाले गाये जाते हैं. कल मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी को श्रीजी में प्रथम (हरी) घटा होगी. राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : आसावरी) मोती तेहू ठोर सबरारे l जबहि तेरे गई चितवत उत जब नंदल

Reshma Chinai
Nov 132 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी Wednesday, 12 November 2025 श्रीविठ्ठलनाथजुके आज बधाई । मार्गशिर कृष्ण अष्टमीको शशी उदयो पूरण माई ।।१।। पूरे चोक धाम मोतिनके बंदनवार बंधाई । ध्वजा पताका दीप कलश सज धूप सुगंध महाई ।।२।। बाजत ढोल निशान नगारे झांझ झमक सहनाई । गगन विमानन छाय रह्यो है देव कुसुम बरखाई ।।३।। श्रुति मुख बोलत जय जय बोलत डोलत चहुर्दिश धाई । रसिकदास मतिहीन दीन अति गोविंद नाम कहाई ।।४।। श्री गुसांईजी के द्वितीय पुत्र नित्यलीलास्थ गौस्वामी श्री गोविन्दरायजी का प्राकट्योत्सव

Reshma Chinai
Nov 122 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी Tuesday, 12 November 2025 नाथद्वारा के युगपुरुष नित्यलीलास्थ गौस्वामी तिलकायत श्री गोविन्दलालजी महाराजश्री का प्राकट्योत्सव विशेष – आज वर्तमान पूज्य तिलकायत गौस्वामी श्री राकेशजी महाराजश्री के पितृचरण एवं नाथद्वारा के इतिहास के युगपुरुष कहलाने वाले नित्यलीलास्थ तिलकायत श्री गोविन्दलालजी महाराज श्री का प्राकट्योत्सव है.(विस्तुत विवरण अन्य पोस्ट में) आज की सेवा श्री रसालिकाजी एवं श्री ललिताजी के भाव से होती है. श्रीजी को नियम के पतंगी साटन के घेरद

Reshma Chinai
Nov 112 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण षष्ठी
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण षष्ठी Monday, 10 November 2025 फ़िरोज़ी साटन के चाकदार वागा एवं श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग पर जमाव के क़तरा के शृंगार राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : आसावरी) जाको मन लाग्यो गोपाल सों ताहि ओर कैसें भावे हो । लेकर मीन दूधमे राखो जल बिन सचु नहीं पावे हो ।।१।। ज्यो सुरा रण घूमि चलत है पीर न काहू जनावे हो । ज्यो गूंगो गुर खाय रहत है सुख स्वाद नहि बतावे हो ।।२।। जैसे सरिता मिली सिंधुमे ऊलट प्रवाह न आवे हो । तैसे सूर कमलमुख निरखत चित्त ईत ऊत न डुलावे हो ।।३।।

Reshma Chinai
Nov 102 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण पंचमी(चतुर्थी क्षय)
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण पंचमी(चतुर्थी क्षय) Sunday, 09 November 2025 पाछली रात के श्रृंगार विशेष – आज श्रीजी को नियम का ‘पाछली रात का श्रृंगार’ धराया जाएगा. इस श्रृंगार को धराये जाने का दिन नियत नहीं परंतु इन दिनों में अवश्य धराया जाता है. इस शृंगार में चीरा एवं मोजाजी सुनहरी धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर मोर चन्द्रिका एवं पिछवाई नियम के धराये जाते हैं. घेरदार वागा एवं ठाड़े वस्त्र इच्छा अनुसार धराये जासकते हैं. ये व्रतचर्या के दिन हैं. व्रतचर्या के दिनों में गोप-कुमारियाँ प्र

Reshma Chinai
Nov 92 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया Saturday, 08 November 2025 नित्यलीलास्थ गौस्वामी तिलकायत श्री दाऊजी कृत छह स्वरुप का उत्सव आज के दिन छः स्वरुप पधारे थे अतः श्रीजी को गोपीवल्लभ (ग्वाल) भोग में चन्द्रावलीजी के भाव से यशस्वरुप चन्द्रमा की भांति स्वच्छ सफेद चाशनी वाली चन्द्रकला और विशेष रूप से दूधघर में सिद्ध की गयी केसरयुक्त बासोंदी की हांडी अरोगायी जाती है. राजभोग में अनसखड़ी में दाख (किशमिश) का रायता अरोगाया जाता है वहीँ सखड़ी में मीठी सेव व केशरयुक्त पेठा अरोगाये जाते हैं. राजभो

Reshma Chinai
Nov 82 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण द्वितीया
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण द्वितीया Friday, 07 November 2025 हरे साटन के चागदार वागा एवं श्रीमस्तक पर फ़ीरोज़ा का जड़ाऊ ग्वालपगा पर पगा चंद्रिका (मोरशिखा) के शृंगार राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग :आसावरी) चल री सखी नंदगाव जई बसिये,खिरक खेलत व्रजचंद सो हसिये ।।१।। बसत बठेन सब सुखमाई,कठिन ईहै दुःख दूरि कन्हाई ।।२।। माखन चोरत दूरि दूरि देख्यों,सजनी जनम सूफल करि लेखों ।।३।। जलचर लोचन छिन छिन प्यासा, कठिन प्रीति परमानंददासा ।।४।। साज – श्रीजी में आज सुरमा सितारा के कशीदे के ज़रदोज़ी के क

Reshma Chinai
Nov 71 min read


व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा
व्रज – मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा Thursday, 06 November 2025 व्रतचर्या/गोपमास आरम्भ मार्गशीर्ष अर्थात ‘गोपमास’ एवं पौष अर्थात ‘धनुर्मास’ अत्यधिक सर्दी वाले मास हैं, अतः देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन से बसंत पंचमी तक पुष्टि स्वरुप निज मंदिर से बाहर नहीं पधारते. श्री नवनीतप्रियाजी आदि जो स्वरुप पलना झूलते हैं उनके पलना के दर्शन भी निज मंदिर में ही होते हैं. आज श्रीजी को नियम के पतंगी (गहरे लाल) रंग के साटन के वस्त्र एवं मोरचन्द्रिका धरायी जाती है. लाल रंग अनुराग का रंग है. श्री लल

Reshma Chinai
Nov 62 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा
व्रज - कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा Wednesday, 05 November 2025 कार्तिक पूर्णिमा, गौस्वामी तिलकायत श्री गोविन्दलालजी महाराजश्री कृत चार स्वरूपोत्सव विशेष – आज कार्तिक पूर्णिमा है. आज कार्तिक मास (व्रज अनुसार) का अंतिम दिन है. कल से गोपमास प्रारंभ हो जायेगा. ललित, पंचम आदि शीतकाल के राग व खंडिता, हिलग आदि कीर्तन गाये जाते हैं. कार्तिक, मार्गशीर्ष एवं पौष, ये तीनों मास ललिताजी की सेवा के मास हैं. इनमें से एक मास आज पूर्ण होता है. आज नित्यलीलास्थ गौस्वामी तिलकायत श्री गोविन्दल

Reshma Chinai
Nov 52 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी
व्रज - कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी Tuesday, 04 November 2025 नित्यलीलास्थ तिलकायत श्री गोविन्दजी का प्राकट्योत्सव (विशेष आलेख अन्य पोस्ट में) विशेष – आज नित्यलीलास्थ तिलकायत श्री गोविन्दजी (१८७६) का उत्सव है. श्रीजी का सेवाक्रम - उत्सव होने के कारण श्रीजी मंदिर के सभी मुख्य द्वारों की देहरी (देहलीज) हल्दी से लीपी जाती हैं एवं आशापाल की सूत की डोरी की वंदनमाल बाँधी जाती हैं. सभी समय झारीजी में यमुनाजल भरा जाता है. दो समय की आरती थाली में की जाती है. श्रीजी को नियम के पीले खीनखाब के

Reshma Chinai
Nov 42 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी (द्वादशी क्षय)
व्रज - कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी (द्वादशी क्षय) Monday, 03 November 2025 मोर के चंदन मोर बन्यौ है दिन दूल्हे हैं अलि नंद को नंदन। श्री वृषभानु सुता दुलही दिन जोड़ी बनी विधना सुखकंदन।। आवै कह्यौ न कछु रसखानि हो दोऊ बंधे छवि प्रेम के फंदन । जाहि विलोकें सबै सुख पावत ये ब्रजजीवन हैं दुखदंदन ।। गुसांई जी के प्रथम पुत्र श्री गिरधरजी एवं पंचम पुत्र श्री रघुनाथजी (कामवन) के प्राकट्योत्सव के शृंगार, लालाजी का अन्नकूट, घेरदार वागा एवं चीरा के साथ सेहर

Reshma Chinai
Nov 34 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल एकादशी
व्रज - कार्तिक शुक्ल एकादशी Sunday, 02 November 2025 देव प्रबोधिनी एकादशी व्रत (देव-दीवाली) "देव दिवारी शुभ एकादशी" की खूब खूब बधाई देव दिवारी शुभ एकादशी, हरी प्रबोध कीजे हो आज।। निंद्रा तजो उठो हो गोविंद, सकल विश्र्व हित काज।।१।। घर घर मंगल होत सबनके, ठौर ठौर गावत ब्रिजनारी।। "परमानंद दास" को ठाकुर, भक्त हेत लीला अवतारी।।२।। देव प्रबोधिनी एकादशी (देव-दीवाली) आज प्रभु को नियम के सुनहरी ज़री के चाकदार वागा व श्रीमस्तक पर जड़ाव की कुल्हे के ऊपर पांच मोरपंख की चंद्रिका की जोड़ धराय

Reshma Chinai
Nov 22 min read
bottom of page