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व्रज – माघ कृष्ण द्वितीया

व्रज – माघ कृष्ण द्वितीया

Saturday, 30 January 2021


घुंडी-नाका के श्रृंगार


श्रीजी में आज का श्रृंगार ऐच्छिक है. ऐच्छिक श्रृंगार नियम के श्रृंगार के अलावा अन्य खाली दिनों में ऐच्छिक श्रृंगार धराया जाता है.

ऐच्छिक श्रृंगार प्रभु श्री गोवर्धनधरण की इच्छा, ऋतु की अनुकूलता, ऐच्छिक श्रृंगारों की उपलब्धता, पूज्य श्री तिलकायत की आज्ञा एवं मुखिया जी के स्व-विवेक के आधार पर धराया जाता है.


मेरी जानकारी के अनुसार आज श्रीजी को आज प्रभु को स्याम रंग के साटन के घेरदार वस्त्र पर धराये जाते है. प्रभु की कटि (कमर) पर एक विशेष हीरे का चपड़ास (घुंडी-नाका) श्रीमस्तक पर स्याम रंग की गोल पाग के ऊपर दोहरा क़तरा धराया जाता है.


राजभोग दर्शन –


कीर्तन – (राग : आसावरी)


माई मेरो श्याम लग्यो संग डोले l

जहीं जहीं जाऊं तहीं सुनी सजनी बिनाहि बुलाये बोले ll 1 ll

कहा करो ये लोभी नैना बस कीने बिन मोले l

‘हित हरिवंश’ जानि हितकी गति हसि घुंघटपट खोले ll 2 ll


साज – आज श्रीजी में स्याम रंग की सुनहरी ज़री की किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है.


वस्त्र – आज श्रीजी को स्याम रंग के साटन का सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित सूथन, घेरदार वागा, चोली धराये जाते है. स्याम रंग के मोजाजी धराये जाते हैं. ठाड़े वस्त्र रूपहरी ज़री रंग के धराये जाते हैं.


श्रृंगार – आज प्रभु को छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. हीरा के सर्व आभरण धराये जाते हैं.

श्रीमस्तक पर स्याम रंग की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, स्याम रंग का दोहरा क़तरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में एक जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.

आज प्रभु की कटि (कमर) पर एक विशेष हीरे का चपड़ास (घुंडी-नाका) धराए जाने से त्रवल नहीं धराया जाता हैं. आज प्रभु को श्रीकंठ में हीरा की कंठी धराई जाती हैं.

श्वेत एवं गुलाबी पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती है.

श्रीहस्तं में चाँदी के एक वेणुजी एवं वेत्रजी धराये जाते हैं.

पट स्याम एवं गोटी चाँदी की आती हैं.


 
 
 

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