top of page
Search

व्रज -अधिक श्रावण कृष्ण दशमी

व्रज -अधिक श्रावण कृष्ण दशमी

Thursday, 10 August 2023

लाल सफ़ेद लहरियाँ का पिछोड़ा एवं श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग पर जड़ाऊ लूम व तुर्रा के शृंगार

अधिक मास के आज के मनोरथ-

प्रातः फ़ुल मंडली

सायं श्रींयमुना पुलिन

राजभोग दर्शन –

कीर्तन – (राग : सारंग)

ग्वालिनी मीठी तेरी छाछि l

कहा दूध में मेलि जमायो साँची कहै किन वांछि ll 1 ll

और भांति चितैवो तेरौ भ्रौह चलत है आछि l

ऐसो टक झक कबहु न दैख्यो तू जो रही कछि काछि ll 2 ll

रहसि कान्ह कर कुचगति परसत तु जो परति है पाछि l

‘परमानंद’ गोपाल आलिंगी गोप वधू हरिनाछि ll 3 ll

साज – श्रीजी में आज लाल सफ़ेद लहरियाँ की सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी और तकिया के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है तथा स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी के ऊपर हरी मखमल मढ़ी हुई होती है.

वस्त्र – श्रीजी को आज लाल सफ़ेद लहरियाँ का रूपहरी किनारी का पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र स्याम रंग के होते हैं.

श्रृंगार – प्रभु को आज छेड़ान का श्रृंगार धराया जाता है. स्वर्ण के सर्व आभरण धराये जाते हैं.

श्रीमस्तक पर लाल सफ़ेद लहरियाँ की छज्जेदार पाग के ऊपर जड़ाऊ लूम तुर्रा सुनहरी एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं.

श्रीकर्ण में दो जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.

श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.

श्रीहस्त में एक कमल की कमलछड़ी, झीने लहरियाँ के वेणुजी वेत्रजी धराये जाते हैं.


ree

पट लाल रंग का व गोटी मीना की आती हैं.

 
 
 

Comments


© 2020 by Pushti Saaj Shringar.

bottom of page