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व्रज - श्रावण कृष्ण नवमी

व्रज - श्रावण कृष्ण नवमी

Wednesday, 09 August 2023

हरी घटा

हरे मलमल का का पिछोड़ा एवं श्रीमस्तक पर हरी गोल पाग पर गोल बाँकी चन्द्रिका के श्रृंगार

अधिक मास के आज के मनोरथ-

प्रातः हरी घटा

शाम कुंज सुहावत

अधिक मास में आज श्रीजी को हरा पिछोड़ा हरी घटा वत श्रृंगार धराया जायेगा

राजभोग दर्शन –

कीर्तन – (राग : मल्हार)

सखी हरियारो सावन आयो ।

हरे हरे मोर फिरत मोहनसंग वसन मन भायो ।।१।।

हरी हरी मुरली हरी संग राधे हरी भूमि सुखदाईं ।

हरे हरे वसन हरी द्रुमवेली हरी हरी पाग सुहाई ।।२।।

हरी हरी सारी सखी सब पहेरे चोली हरी रंग भीनी ।

रसिक प्रीतम मन हरित भयो हे तन मन धन सब दीनी ।।३।।

साज – श्रीजी में आज हरे रंग की मलमल पर सुनहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी और तकिया के ऊपर भी हरी बिछावट की जाती है तथा स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी के ऊपर हरी मखमल मढ़ी हुई होती है.

वस्त्र – श्रीजी को आज सुनहरी किनारी से सुसज्जित हरी मलमल का पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र भी हरे रंग के ही होते हैं.

श्रृंगार - प्रभु को आज छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाएगा. पन्ना एवं स्वर्ण के सर्व-आभरण धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर हरी मलमल की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, पन्ना की गोल बाँकी चन्द्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं.

श्रीकर्ण में एक जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं. हरे रंग के पुष्पों की दो मालाजी धरायी जाती हैं. श्रीहस्त में कमलछड़ी, हरे मीना के वेणुजी एवं दो वेत्रजी धराये जाते हैं.


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पट हरा व गोटी चाँदी की आती है.

 
 
 

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