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व्रज - कार्तिक शुक्ल दशमी
व्रज - कार्तिक शुक्ल दशमी Saturday, 01 November 2025 आगम का श्रृंगार, छप्पनभोग (बड़ा) मनोरथ आज श्रीनाथजी में किन्हीं वैष्णव द्वारा आयोजित छप्पनभोग का मनोरथ होगा. नियम (घर) का छप्पनभोग वर्ष में केवल एक बार मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा को ही होता है. इसके अतिरिक्त विभिन्न खाली दिनों में वैष्णवों के अनुरोध पर श्री तिलकायत महाराज की आज्ञानुसार मनोरथी द्वारा छप्पनभोग मनोरथ आयोजित होते हैं. इस प्रकार के मनोरथ सभी वैष्णव मंदिरों एवं हवेलियों में होते हैं जिन्हें सामान्यतया ‘बड़ा मनोरथ’ क

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Nov 13 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल नवमी
व्रज - कार्तिक शुक्ल नवमी Friday, 31 October 2025 अक्षय नवमी इस तिथी का कभी क्षय नहीं होता और आज के दिन किये गये पुण्य व कर्म का क्षय नहीं होता अतः आज की तिथी अक्षय नवमी कहलाती है. आज के दिन से जुड़ा हुआ एक प्रसंग आपसे साझा करना चाहूँगा जो की नित्यलीलास्थ श्री कृष्णरायजी से जुड़ा हुआ हैं. प्रभु श्री विट्ठलनाथजी की कृपा से द्वितीय गृह अत्यन्त वैभवपूर्ण स्वरुप में था और तत्समय श्रीजी में अत्यधिक ऋण हो गया. जब आपको यह ज्ञात हुआ तब आपने अपना अहोभाग्य मान कर प्रभु सुखार्थ अपना द्रव

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Oct 313 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल अष्टमी
व्रज - कार्तिक शुक्ल अष्टमी Thursday, 30 October 2025 गोपाष्टमी मंगला दर्शन उपरांत प्रभु को चन्दन, आवंला, एवं फुलेल (सुगन्धित तेल) से अभ्यंग (स्नान) कराया जाता है. पिछवाई श्याम आधारवस्त्र पर खण्डों में कशीदे की श्वेत गायों की आती है. गौचारण के भाव से आज प्रभु को नियम का मुकुट-काछनी का श्रृंगार धराया जाता है. मुकुट के इस श्रृंगार के विषय में मैं पहले भी कई बार बता चुका हूँ कि प्रभु को मुख्य रूप से तीन लीलाओं (शरद-रास, दान और गौ-चारण) के भाव से मुकुट का श्रृंगार धराया जाता है.

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Oct 303 min read
व्रज - कार्तिक शुक्ल सप्तमी
व्रज - कार्तिक शुक्ल सप्तमी Wednesday, 29 October 2025 पीली ज़री के चाकदार वागा, श्रीमस्तक पर फेटा पर फेटा का साज के श्रृंगार ये इन्द्रमान भंग के दिन है अतः कार्तिक शुक्ल तृतीया से अक्षय नवमी तक इन्द्रमान भंग के कीर्तन गाये जाते हैं. विशेष- विक्रम संवत २०६३ (वर्ष 2006) में आज सप्तमी के दिन पूज्य गोस्वामी तिलकायत श्री राकेशजी ने प्रभु श्री नवनीतप्रियाजी को व्रज पधराये थे. व्रज में लगभग एक माह आनंद वृष्टि कर कर प्रभु मार्गशीर्ष कृष्ण द्वादशी के दिन पुनः नाथद्वारा पधारे थे. इस भ

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Oct 292 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल षष्ठी (द्वितीय)
व्रज - कार्तिक शुक्ल षष्ठी (द्वितीय) Tuesday, 28 October 2025 सुनहरी ज़री के घेरदार वागा एवं श्रीमस्तक पर चीरा (गोल पाग) पर पर गोल चन्द्रिका के शृंगार ये इन्द्रमान भंग के दिन है अतः कार्तिक शुक्ल तृतीया से अक्षय नवमी तक इन्द्रमान भंग के कीर्तन गाये जाते हैं. राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : धनाश्री) कान्हकुंवर के कर पल्लव पर मानो गोवर्धन नृत्य करे । ज्यों ज्यों तान उठत मुरली में त्यों त्यों लालन अधर धरे ।।१।। मेघ मृदंगी मृदंग बजावत दामिनी दमक मानो दीप जरे । ग्वाल ताल दे नीके गा

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Oct 282 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल षष्ठी
व्रज - कार्तिक शुक्ल षष्ठी Monday, 27 October 2025 स्याम ख़िनख़ाब के चाकदार वागा एवं श्रीमस्तक पर ग्वाल पगा पर पगा चंद्रिका के शृंगार ये इन्द्रमान भंग के दिन है अतः कार्तिक शुक्ल तृतीया से अक्षय नवमी तक इन्द्रमान भंग के कीर्तन गाये जाते हैं. राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : धनाश्री) माधोजु राखो अपनी ओट । वे देखो गोवर्धन ऊपर उठे है मेघ के कोट ।।१।। तुम जो शक्रकी पूजा मेटी वेर कियो उन मोट l नाहिन नाथ महातम जान्यो भयो है खरे टे खोट ।।२।। सात घौस जल वर्ष सिरानो अचयो एक ही घोट l

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Oct 272 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल पंचमी
व्रज - कार्तिक शुक्ल पंचमी Sunday, 26 October 2025 लाभ पंचमी के शृंगार विशेष – लाभपंचमी को लौकिक पर्व माना गया है अतः आज के दिन श्रीजी में इस निमित कुछ विशेष नहीं होता. ये दिन गोवर्धन धारण व इन्द्रमान भंग के हैं अतः प्रातः से ही गोवर्धनलीला व इन्द्रमान भंग के कीर्तन गाये जाते हैं. पिछवाई भी गोवर्धनधारण की होती है. श्रीजी को लाल सलीदार ज़री के चाकदार वागा, चोली, सूथन, टिपारा व लाल मलमल का पटका धराया जाता है. आभरण वनमाला के परन्तु चरणारविन्द से चार अंगुल ऊपर धराये जाते हैं. श्री

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Oct 262 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल चतुर्थी
व्रज - कार्तिक शुक्ल चतुर्थी Saturday, 25 October 2025 हरी सलीदार ज़री के घेरदार वागा एवं श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग पर पर गोल चन्द्रिका के शृंगार ये इन्द्रमान भंग के दिन है अतः कार्तिक शुक्ल तृतीया से अक्षय नवमी तक इन्द्रमान भंग के कीर्तन गाये जाते हैं. राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : धनाश्री) कान्हकुंवर के कर पल्लव पर मानो गोवर्धन नृत्य करे । ज्यों ज्यों तान उठत मुरली में त्यों त्यों लालन अधर धरे ।।१।। मेघ मृदंगी मृदंग बजावत दामिनी दमक मानो दीप जरे । ग्वाल ताल दे नीके गावे गा

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Oct 252 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल तृतीया
व्रज - कार्तिक शुक्ल तृतीया Friday, 24 October 2025 फ़िरोज़ी ज़री के चाकदार वागा एवं श्रीमस्तक पर फ़िरोज़ी छज्जेदार पाग पर जमाव का क़तरा के शृंगार राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : धनाश्री) माधोजु राखो अपनी ओट । वे देखो गोवर्धन ऊपर उठे है मेघ के कोट ।।१।। तुम जो शक्रकी पूजा मेटी वेर कियो उन मोट l नाहिन नाथ महातम जान्यो भयो है खरे टे खोट ।।२।। सात घौस जल वर्ष सिरानो अचयो एक ही घोट l लियो उठाय गरुवो गिरी करपर कीनो निपट निघोट ।।३।। गिरिधार्यो तृणावर्त मार्यो जियो नंदको ढोट l ‘

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Oct 242 min read


व्रज - कार्तिक शुक्ल द्वितीया
व्रज - कार्तिक शुक्ल द्वितीया Thursday, 23 October 2025 आज दूज भैया की कहियत, कर लिये कंचन थाल के l करो तिलक तुम बहन सुभद्रा, बल अरु श्रीगोपाल के ll १ ll आरती करत देत न्यौछावर, वारत मुक्ता माल के l ‘आशकरण’ प्रभु मोहन नागर, प्रेम पुंज ब्रजबाल के ll २ ll भाईदूज, यम द्वितीया श्रीजी को आज नियम के लाल खीनखाब के चोली, सूथन, घेरदार वस्त्र धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर फुलक शाही ज़री का चीरा (ज़री की पाग) व पटका रुपहली ज़री का धराया जाता है. उत्सव भोग के रूप में गोपीवल्लभ (ग्वाल) भोग मे

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Oct 233 min read


व्रज – कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा
व्रज – कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा Wednesday, 22 October 2025 दीपावली पूर्व का अभ्यंग का श्रृंगार विशेष – दीपोत्सव के पूर्व के नियत श्रृंगारों के मध्य इस पखवाड़े में एक बार अभ्यंग अवश्य होता है. इसका दिन नियत नहीं परन्तु होता अवश्य है. इसी भाव से इस बार अभ्यंग पूर्व में किया गया. किंतु तिथि खाली नहीं होने से उपरोक्त अभ्यंग का शृंगार आज लिया गया हैं. अभ्यंग के साथ घेरदार वस्त्र का श्रृंगार भी धराया जाता है .इसमें लाल सलीदार ज़री के घेरदार वस्त्र, चोली, सूथन, पटका व श्रीमस्तक पर चीरा

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Oct 222 min read


व्रज - कार्तिक कृष्ण अमावस्या
व्रज - कार्तिक कृष्ण अमावस्या Tuesday, 21 October 2025 गोवर्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव अन्नकूट कोटिन भांतनसो भोजन करत गोपाल । आपही कहत तात अपनेसों गिरि मूरति देखो तत्काल ।।१।। सुरपति से सेवक इनही के शिव विरंची गुण गावे । इनहीते अष्ट महा सिध्धि नवनिधि परम पदारथ पावे ।।२।। हम गृह बसत गोधन बन चारत गोधन ही कुलदेव । इने छांड जो करत यज्ञ विधि मानो भींतको लेव ।।३।। यह सुन आनंदे ब्रजवासी आनंद दुंदुभी बाजे ।। घरघर गोपी मंगल गावे गोकुल आन बिराजे ।।४।। मंगला दर्शन उपरांत डोल-तिबारी में अ

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Oct 212 min read


व्रज - कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी (दीपावली)
व्रज - कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी (दीपावली) Monday, 20 October 2025 यह दिवारी वरस दिवारी, तुमको नित्य नित्य आवो । नंदराय और जसोदारानी, अति सुख पूजही पावो ।।१।। पहले न्हाय तिलक गोरोचन,देव पितर पूजवो । श्रीविट्ठलगिरिधरन संग ले गोधन पूजन आवो ।।२।। दीपोत्सव, कानजगाई, हटड़ी विशेष – आज हमारे सर्वाधिक आनंद का दिन है. प्रभु प्रातः जल्दी उठकर सुगन्धित पदार्थों से अभ्यंग कर, श्रृंगार धारण कर खिड़क में पधारते हैं, गायों का श्रृंगार करते हैं, उनको खूब खेलाते हैं. श्रीजी का सेवाक्रम - महोत्सव

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Oct 203 min read


व्रज - कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी (रूप चौदस के आपके शृंगार)
व्रज - कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी (रूप चौदस के आपके शृंगार) Sunday, 19 October 2025 न्हात बलकुंवर कुंवर गिरिधारी । जसुमति तिलक करत मुख चुंबत, आरती नवल उतारी ॥ १ ॥ आनंद राय सहित गोप सब, नंदरानी व्रजनारी । जलसों घोर केसर कस्तुरी, सुभग सीसतें ढारी ॥ २ ॥ बहोर करत शृंगार सबे मिल, सब मिल रहत निहारी । चंद्रावलि व्रजमंगल रस भर, श्रीवृषभान दुलारी ॥ ३ ॥ मनभाये पकवान जिमावत, जात सबें बलहारी । श्रीविठ्ठलगिरिधरन सकल व्रज, सुख मानत छोटी दिवारी ॥ ४ ॥ नरक चतुर्दशी, रूप चौदस *आज रूप चौदस

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Oct 194 min read


व्रज - कार्तिक कृष्ण द्वादशी(धनतेरस के आपके श्रृंगार)
व्रज - कार्तिक कृष्ण द्वादशी(धनतेरस के आपके श्रृंगार) Saturday, 18 October 2025 इस वर्ष चतुर्दशी (सोमवार, २० अक्टूबर) के दिन दीपावली होने के कारण श्रृंगार का क्रम परिवर्तित हुआ है जिसमें आज द्वादशी के दिन धनतेरस के उत्सव का राग, भोग व श्रृंगार का क्रम होगा. यद्यपि धनतेरस का उत्सव बुधवार, 19 अक्टूबर 2025 को है. आज माई धन धोवत नंदरानी । कार्तिक वदि तेरस दिन उत्तम गावत मधुरी बानी ।।१।। नवसत साज श्रृंगार अनुपम करत आप मन मानी । कुम्भनदास लालगिरिधर को देखत हियो सिरानी ।।२।। धनतेरस,

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Oct 184 min read


व्रज - कार्तिक कृष्ण एकादशी (रमा एकादशी व्रत)
व्रज - कार्तिक कृष्ण एकादशी (रमा एकादशी व्रत) Friday, 17 October 2025 आज रमा एकादशी है लेकिन दीपावली चतुर्दशी को होने के कारण द्वादशी का शृंगार आज लिया गया हैं. विशेष – आज की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है. कहा जाता है कि आज के दिन रमा नाम की व्रजगोपी ने श्री यशोदाजी को नंदालय में दीपावली की बधाई दी थी जिससे नंदालय में नगाड़े बजाये जाते हैं. दीपावली तक प्रतिदिन रौशनी की जाती है. मंदिर के द्वार (नक्कार खाने) के ऊपर नौबत नगाड़े बजाये जाते हैं. सेवाक्रम - विगत दशमी से कार्तिक शु

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Oct 173 min read


व्रज - कार्तिक कृष्ण दशमी
व्रज - कार्तिक कृष्ण दशमी Thursday, 16 October 2025 एकादशी के आपश्री के श्रृंगार पुष्टि प्रणालिका के आधार पर जहाँ निधि स्वरुप विराजित हों उन सभी मंदिरों में मंदिर के द्वार (नक्कार खाने) के ऊपर नौबत नगाड़े बजाये जाते हैं एवं रात्रि को रौशनी की जाती है. विगत कल से कार्तिक शुक्ल द्वितीया (भाईदूज) तक प्रभु पूरे दिन झारीजी में यमुनाजल अरोगते हैं. आज निज मंदिर में फूल-पत्ती की बाड़ी आती हैं. आज की सेवा चम्पकलताजी के भाव की है आज का श्रृंगार निश्चित है जिसमें श्याम ज़री के चाकदार वागा

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Oct 163 min read


व्रज - कार्तिक कृष्ण नवमी
व्रज - कार्तिक कृष्ण नवमी Wednesday, 15 October 2025 आपश्री (तिलकायत) के श्रृंगार आरम्भ पुष्टिमार्ग में कोई भी उत्सव ऐसे ही नहीं मना लिया जाता वरन पुष्टि के नियम कुछ इस प्रकार बनाये गए हैं कि प्रभु सेवा के हर क्रम में उस उत्सव के आगमन का आभास होता है. दीपावली का आभास भी प्रभु के सेवाक्रम में दशहरा से ही आरम्भ हो जाता है. इसी क्रम में आज से कार्तिक शुक्ल द्वितीया (भाईदूज) तक प्रतिदिन प्रभु की झारीजी में यमुनाजल भरा जाता है. उत्सव का आभास जागृत करने के भाव से

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Oct 153 min read


व्रज – कार्तिक कृष्ण सप्तमी
व्रज – कार्तिक कृष्ण सप्तमी Monday, 13 October 2025 दीपावली के पूर्व का नियम का मुकुट-काछनी का श्रृंगार आज श्रीजी में नियम का मुकुट का...

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Oct 132 min read


व्रज – कार्तिक कृष्ण षष्ठी
व्रज – कार्तिक कृष्ण षष्ठी Sunday, 12 October 2025 रूपचौदस का प्रतिनिधि का श्रृंगार प्रतिनिधि का श्रृंगार – बड़े उत्सवों के पहले उनके...

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Oct 122 min read
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