व्रज - ज्येष्ठ शुक्ल नवमी
- Reshma Chinai

- Jun 9, 2022
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व्रज - ज्येष्ठ शुक्ल नवमी
Thursday, 09 June 2022
शरबती मलमल की परधनी एवं श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग और क़तरा के शृंगार
जिन तिथियों के लिए प्रभु की सेवा प्रणालिका में कोई वस्त्र, श्रृंगार निर्धारित नहीं होते उन तिथियों में प्रभु को ऐच्छिक वस्त्र व श्रृंगार धराये जाते हैं.
ऐच्छिक वस्त्र, श्रृंगार प्रभु श्री गोवर्धनधरण की इच्छा, ऋतु की अनुकूलता, ऐच्छिक श्रृंगारों की उपलब्धता, पूज्य श्री तिलकायत महाराजश्री की आज्ञा एवं प्रभु के तत्सुख की भावना से मुखियाजी के स्व-विवेक के आधार पर धराये जाते हैं.
ऐच्छिक वस्त्र, श्रृंगार के रूप में आज श्रीजी को शरबती मलमल की परधनी एवं श्रीमस्तक पर गोल पाग और क़तरा का श्रृंगार धराया जायेगा.
राजभोग दर्शन –
सोहत श्याम मनोहर गात l
श्वेत परदनी अति रसभीनी केसर पगिया माथ ll 1 ll
कर्णफूल प्रतिबिंब कपोलन अंग अंग मन्मथ ही लजात l
‘परमानंद’ दास को ठाकुर निरख वदन मुसकात ll 2 ll
साज – आज श्रीजी में शरबती रंग की मलमल रूपहली ज़री की किनारी वाली पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफ़ेद बिछावट की जाती है.
वस्त्र – आज श्रीजी को शरबती मलमल की रूपहली ज़री की किनारी से सुसज्जित परधनी धरायी जाती है.
श्रृंगार – आज प्रभु को छोटा (कमर तक) ऊष्णकालीन हल्का श्रृंगार धराया जाता है.
मोती के आभरण धराये जाते हैं.
श्रीमस्तक पर शरबती रंग की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, क़तरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं.
श्रीकंठ में मोती का चोलड़ा धराया जाता हैं.
श्रीकर्ण में मोती के एक जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.
श्वेत पुष्पों की कलात्मक थागवाली दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.
श्रीहस्त में तीन कमल की कमलछड़ी, झीने लहरियाँ के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं.
पट ऊष्णकाल का व गोटी छोटी हकीक की आती है.





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