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सूरदास जी को किसीने पूछा रासलीला का क्या मतलब है

सूरदास जी को किसीने पूछा रासलीला का क्या मतलब है


प्रभु को पति के रूपमे पाने के लिए गोपी ने जो कात्यायनी का व्रत किया और उसके फल स्वरूप उसका मनोरथ पूरा करने के लिए ठाकुरजी ने उसके साथ किया हुए अलौकिक विवाह मतलब रासलीला

किसीने प्रश्न किया


विवाह में तो आमंत्रण पत्र देना पड़ता है तो इसमें आमंत्रण पत्र कौनसा -- ठाकुरजी ने गोपी को बुलाने के लिए जो वेणुनाद किया वहीं आमंत्रण पत्रिका है।


लग्न में पहले कुलदेवता का पूजन होता है-- गोपी ने कात्यायनी का पूजन किया वहीं कुलदेवता का पूजन है


लग्न में फेरे भी होते है,इस रास में फेरे कौनसे -- प्रभुजी ने जो रास किया दो दो गोपी बीच में माधव वो दूसरा कुछ नहीं सप्तपदी के फेरे है


लग्न में अग्नि की साक्षी होती है यहां अग्नि कहा थी -- रास लीला के समय भगवान ने और गोपी ओ ने जो हीरे के जवेरात पहने थे वहीं


लग्न में पहले गठबंधन करना पड़ता हैं -- ठाकुरजी ने जब वेणु नाद किया गोपी को बुलाने के लिए और वो वेणुनाद जब गोपी के कान में पड़ा और गोपी को लगा ठाकुरजी उसको बुला रहे है तब घर सांसारिक आसक्ति छोड़ के प्रभु में अपना मन जोड़ के जब रास लीला के लिए तभी।।

सांसारिक बंधन छोड़ के मन में प्रभु को बांधा वहीं है गठबंधन


लग्न में छेड़ाछेड़ी छोड़ने वाला भी होना चाहिए -- रास संपन्न होने पर देवता ने जो पुष्पवर्शा की वहीं मानो गठबंधन को छोड़ रहे हो


विवाह में साक्षी भी तो होने चाहिए -- पास में वहीं रहेला यमुना महारानी जी इस अलौकिक विवाह के साक्षी है.

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